बिछड़ के दोनों के ज़ेहनों पे बोझ पड़ता है रहें जो साथ तो आँखों पे बोझ पड़ता है फलों के होने से शाख़ें फ़क़त लचकती हैं फलों के गिरने से शाख़ों पे बोझ पड़ता है तुम्हारे ज़िक्र की आदत हुई है ऐसी इन्हें कुछ और बोलें तो होंटों पे बोझ पड़ता है बस एक चेहरे को सपने में देखने के लिए तमाम उम्र की नींदों पे बोझ पड़ता है 'अज़ीम' दूर के रिश्तों को दूर रक्खा कर वगर्ना पास के रिश्तों पे बोझ पड़ता है