बुत यहाँ मिलते नहीं हैं या ख़ुदा मिलता नहीं अज़्म मुस्तहकम तो हो दुनिया में क्या मिलता नहीं हम-सफ़ीरान-ए-जुनूँ यूँ हम से आगे बढ़ गए क़ाफ़िला क्या है ग़ुबार-ए-क़ाफ़िला मिलता नहीं अपनी सूरत देखना हो अपने दिल में देखिए दिल सा दुनिया में कोई भी आइना मिलता नहीं दे दिया है आप को दिल अब हिफ़ाज़त कीजिए हर ख़ज़ाने में ये ला'ल-ए-बे-बहा मिलता नहीं ढूँढता फिरता है मुझ को क्यूँ फ़रेब-ए-रंग-ओ-बू मैं वहाँ हूँ ख़ुद जहाँ अपना पता मिलता नहीं