चलो दुनिया में महकाएँ मोहब्बत बशर को आओ सिखलाएँ मोहब्बत करें मिस्मार दीवारें अना की ज़मीं पर मिल के फैलाएँ मोहब्बत हुई है गुम कहीं ये वहशतों में चलो अब ढूँड कर लाएँ मोहब्बत ख़िज़ाँ सी छा गई नफ़रत की हर सू चमन में फिर से बिखराएँ मोहब्बत बहुत मुश्किल सफ़र है इश्क़ यारो कहाँ तक सब को समझाएँ मोहब्बत