चलो इतनी तो आसानी रहेगी मिलेंगे और परेशानी रहेगी इसी से रौनक़-ए-दरिया-ए-दिल है यही इक लहर तूफ़ानी रहेगी कभी ये शौक़ ना-मानूस होगा कभी वो शक्ल अनजानी रहेगी निकल जाएगी सूरत आइने से हमारे घर में हैरानी रहेगी सुबुक-सर हो के जीना है कोई दिन अभी कुछ दिन गिराँ-जानी रहेगी सुनोगे लफ़्ज़ में भी फड़फड़ाहट लहू में भी पर-अफ़्शानी रहेगी हमारी गर्म-गुफ़्तारी के बा-वस्फ़ हवा इतनी ही बर्फ़ानी रहेगी अभी दिल की सियाही ज़ोर पर है अभी चेहरे पे ताबानी रहेगी 'ज़फ़र' मैं शहर में आ तो गया हूँ मिरी ख़सलत बयाबानी रहेगी