चुपके से हवा आए तो लगता है कि तुम हो धीरे से थपक जाए तो लगता है कि तुम हो वो गीत जो एक बार कभी तुम से सुना था वो गीत कोई गाए तो लगता है कि तुम हो इस धूप भरे शहर में जब मेरे बराबर साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम वैसे तो कोई प्यार से मिलता नहीं लेकिन ऐसा कभी हो जाए तो लगता है कि तुम हो आँखों में लिए शर्म मेरे पास से 'साजिद' जब कोई गुज़र जाए तो लगता है कि तुम हो