क्यूँ के बारे में क्या के बारे में अक़्ल चुप है ख़ुदा के बारे में जब सऊबत में साँस घुटने लगे सोचिए कर्बला के बारे में सब को तफ़तीश हो रही होगी दूसरे नक़्श-ए-पा के बारे में ख़ामुशी साध ली गई यक दम सुख़न-ए-ना-रसा के बारे में इंतिहा हो चुकी मोहब्बत की कुछ कहो इब्तिदा के बारे में मेरी अपनी ही एक राय है मा'नी-ओ-मुद्दआ के बारे में हम ने क्या क्या न लिख दिया 'अहमद' अपनी अपनी फ़ज़ा के बारे में