दहशत के मौसम में खिलने वाले फूल पत्ती पत्ती बिखरे कौन सँभाले फूल इन होंटों के लम्स में ऐसा जादू है आँखों पर रखते ही हो गए छाले फूल तितली तेरा रंग चुराने आई है ख़ुश-रू तितली के प्रेमी मतवाले फूल उस का रस्ता देखने वाली आँखों में तैरते रहते हैं कुछ मन्नत वाले फूल मैं ने वस्ल में हिज्र की सरगोशी सुन ली और हरी चादर पर काढ़े काले फूल उस ने भी रूमाल पे इत्र लगा भेजा हम ने भी शरमा कर कान में डाले फूल लाल गुलाब का तोहफ़ा देने वाले सुन नहीं हैं तेरे लम्स से अच्छे साले फूल