दर्द देगी ख़ून के आँसू रुलाएगी मुझे ज़िंदगी तू और किस हद तक सताएगी मुझे भूक से बेहाल मैं भी एक दिन हो जाऊँगा एक दिन ये बेबसी दर दर फिराएगी मुझे मैं चला जाऊँगा जिस दिन आसमानों की तरफ़ देखना रो रो के ये दुनिया बुलाएगी मुझे इक यही तो बात उस की है मुझे बेहद पसंद रूठ जाऊँ मैं तो वो आ कर मनाएगी मुझे कुछ दिनों के बाद मैं भी ख़ाक में मिल जाऊँगा कुछ दिनों के बाद तू भी भूल जाएगी मुझे