दर्द दिल से कभी जुदा न हुआ कोई हमदर्द आप सा न हुआ उन के हमराह था तमाम सफ़र तय मगर फिर भी रास्ता न हुआ हम भँवर में थे डूबते ही गए नाख़ुदा तो कभी ख़ुदा न हुआ आप का ग़म है आप से बेहतर वो कभी हम से बे-वफ़ा न हुआ हैं सभी लोग शहर के अच्छे हम से बढ़ कर कोई बुरा न हुआ हम से रूठी रही 'किरन' लेकिन दिल तो दिल से कभी जुदा न हुआ