दर्द-ए-दिल मेरी आह से पूछो सबब उस की निगाह से पूछो म'अनी-ए-बे-मुरव्वती-ए-बुताँ उस तग़ाफ़ुल-पनाह से पूछो बाइस-ए-तीरा-बख़्ती-ए-आलम उस की ज़ुल्फ़-ए-सियाह से पूछो उस की तेग़-ए-सितम का शरह ओ बयाँ जा किसी बे-गुनाह से पूछो उस के मुखड़े की रौशनी की सिफ़त मुझ से क्या महर ओ माह से पूछो गिर्या ओ नाला-ओ-फ़ुग़ाँ क्यूँ है ये मिरे दिल की चाह से पूछो महज़र-ए-हुस्न-ओ-इश्क़ का क़ज़िया हक़ है शाहिद गवाह से पूछो क्या कहें ऊस का घर है कितनी दूर थक गए हम तो राह से पूछो क़िबला 'हातिम' किधर है रास्त बता जा के उस कज-कुलाह से पूछो