दरमियाँ आ रही है नफ़रत क्यूँ जब गले मिल गए शिकायत क्यूँ आदमी तुम भी आदमी हम भी फिर हुई ख़त्म आदमियत क्यूँ हो गया इश्क़ आप को शायद उम्र इस में नई मुसीबत क्यूँ कौन रख पाया माल-ओ-दौलत को जाने वाले से ये मोहब्बत क्यूँ थक गया है मिरा सितमगर क्या साँस ले लेने की इजाज़त क्यूँ सब की माएँ भी बेटियाँ ही थीं आज बेटी बनी मुसीबत क्यूँ आप का शे'र बोलता है 'असर' ख़ुद-सताई की फिर ज़रूरत क्यूँ