ज़िंदगी मो'तबर तलाशे है By Ghazal << दीवाना हूँ बिखरे मोती चुन... मेरी नज़र नज़र में हैं मं... >> ज़िंदगी मो'तबर तलाशे है वो खंडर में गुहर तलाशे है देख वो ऊबने लगा मुझ से और कोई सफ़र तलाशे है दाग़ को दे गया मिरी सूरत सूरते-नौ शजर तलाशे है एक मैं पा के बेच आया हूँ एक तू दर-ब-दर तलाशे है 'दीप' जैसे कई लुटे उस से वो अभी नामवर तलाशे है Share on: