देख पगली न दल लगा मिरे साथ इतनी अच्छी नहीं वफ़ा मिरे साथ यार जो मुझ पे जान वारते थे क्या कोई वाक़ई मरा मिरे साथ मैं तो कमज़ोर था मैं क्या लड़ता वो मगर फिर भी लड़ पड़ा मिरे साथ मैं परेशान तौ नहीं मिरे दोस्त इतनी हमदर्दी मत जता मिरे साथ ऐ ख़ुदा तू तो जानता है मुझे तू ने अच्छा नहीं किया मिरे साथ अब मिरे पास फूटी कौड़ी नहीं अब नहीं कोई बोलता मिरे साथ