देखा किसी ने हम से ज़माने ने क्या किया और क्या कहें कि यार यगाने ने क्या किया दिल चाहता हूँ और को दूँ तेरे जौर से कहना न फिर कि हम से फ़ुलाने ने क्या किया क़ातिल तो उस का हर सर-ए-मू बाल-पन से था आराइश उस की ज़ुल्फ़ को शाने ने क्या किया दीनार और दिरम की न ला दिल को दाम में क़ारूँ से है ख़बर कि ख़ज़ाने ने क्या किया 'हातिम' दिया है शैख़ ने अब दिल सनम के हाथ दीवाना मैं तो था ये सियाने ने क्या किया