देखे बुलबुल जो यार की सूरत फिर न देखे बहार की सूरत बर्क़ देखी हो जिस ने सो जाने मुझ दिल-ए-बे-क़रार की सूरत दिल तरसता है देखने को मिरा ख़ंजर-ए-आबदार की सूरत जो कोई देखता है रोता है मुझ दिल-ए-दाग़दार की सूरत वही 'सौदा' के दिल की समझें क़द्र देखें जो लाला-ज़ार की सूरत