धरती पर सब दर्द के मारे किस के हैं आसमान पर चाँद सितारे किस के हैं सुनते हैं वो शख़्स तो घर ही बदल गया फिर ये दिल-आवेज़ इशारे किस के हैं किस सहरा की धूल है सब की आँखों में बे-मौज ओ बे-रूद किनारे किस के हैं अब क्या सोचना ऐसी-वैसी बातों पे उन हाथों ने बाल सँवारे किस के हैं कौन है इस रिम-झिम के पीछे छुपा हुआ ये आँसू सारे के सारे किस के हैं किसी पहाड़ की चोटी पर चढ़ कर देखो आँखों से ओझल नज़्ज़ारे किस के हैं