ढूँडने वालों को भी क्या न मिला झूट कहते हो तुम ख़ुदा न मिला इक फ़क़त तेरा आसरा था मुझे इक फ़क़त तेरा आसरा न मिला शश-जिहत में ये हम ने देखा है कोई भी आप के सिवा न मिला जिस में हम ख़ुद को देख सकते कभी कोई भी ऐसा आइना न मिला सरगुज़िश्त हम ने कह तो दी लेकिन कोई भी दर्द-आश्ना न मिला मुफ़्लिसी मेरी देख कर ही 'ज़ोहैब' आज मुझ से वो दिलरुबा न मिला