दिखा कर इक नज़र दिल को निहायत कर गया बेकल परी-रू तुंद-ख़ू सरकश हटेला चुलबुला चंचल वो आरिज़ और जबीं-ताबाँ कि हों देख उस को शर्मिंदा क़मर ख़ुर्शीद ज़ोहरा शम्अ' शो'ला मुश्तरी मशअ'ल कफ़ों में उँगलियों में ला'ल में और चश्म-ए-मयगूँ में हिना आफ़त सितम फ़ुंदुक़ मिसी जादू फ़ुसूँ काजल बदन में जामा-ए-ज़र-कश सरापा जिस पे ज़ेब-आवर कड़े बुंदे छड़े छल्ले अँगूठी नौ-रतन हैकल नज़ाकत और लताफ़त वो कफ़-ए-पा तक कि हैराँ हूँ समन गुल लाला नस्रीं नस्तरन दरपरनियाँ मख़मल सरासर पुर-फ़रेब ऐसा कि ज़ाहिर जिस की नज़रों से शरारत शोख़ी अय्यारी तरह फुरती दग़ा छलबल 'नज़ीर' इक उम्र-ए-इशरत हो मिले ऐसा परी-पैकर अगर इक आन अगर इक दम अगर इक छन अगर इक पल