दिखाता क्या है ये टूटी हुई कमान मुझे तिरा शिकार हूँ अच्छी तरह से जान मुझे हवा ने रेत की सूरत ज़मीं पे लिख दी है दिखाई देती है पत्थर की दास्तान मुझे इक आसमाँ ने ज़मीं पर गिरा दिया लेकिन ज़मीं ने फिर से बना डाला आसमान मुझे मैं इस हवा का नहीं पानियों का क़ैदी हूँ न जाने क्यूँ लिए फिरता है बादबान मुझे ज़मीं से सिर्फ़ जज़ीरा दिखाई देता है कोई न जान सका आज तक चटान मुझे न जाने तीर की मानिंद कैसे चुभने लगा वो शख़्स लगता था टूटी हुई कमान मुझे