दिल ग़नी है तो मुफ़्लिसी क्या है घर में अल्लाह के कमी क्या है इक तलव्वुन है दो मिज़ाजों का दोस्ती क्या है दुश्मनी क्या है ज़िद की है और बात ऐ नासेह वर्ना बात आप की बुरी क्या है हुस्न है बे-नियाज़ जल्वों से चाँद क्या जाने चाँदनी क्या है जान की शर्त है मोहब्बत में इतनी सी बात बात ही क्या है हर नफ़स याद है तिरी ऐ दोस्त और मंशा-ए-बंदगी क्या है क्या फ़रिश्ते बताएँगे 'अफ़्क़र' हम से पूछो कि आदमी क्या है