दिल जलाना हमें भी आता है By Ghazal << तेरे एहसास को ख़ुशबू बनात... दर्द-मंदों से चमन मत छीनि... >> दिल जलाना हमें भी आता है मुस्कुराना हमें भी आता है देखिए आप बाज़ आ जाएँ याद आना हमें भी आता है छोड़ जाने में आप माहिर हैं भूल जाना हमें भी आता है तेग़-बाज़ी के आप आदी हैं सर कटाना हमें भी आता है Share on: