दिल जलता है तो जलने दे आँसू न बहा फ़रियाद न कर तू पर्दा-नशीं का आशिक़ है यूँ नाम-ए-वफ़ा बर्बाद न कर मासूम नज़र के तीर चला बिस्मिल को बिस्मिल और बना अब शर्म-ओ-हया के पर्दे में यूँ छुप छुप के बेदाद न कर हम आस लगाए बैठे हैं तुम वा'दा कर के भूल गए या सूरत आ के दिखा जाओ या कह दो हम को याद न कर