दिल को उस का ख़याल पैहम है वक़्त को ये मलाल पैहम है ख़्वाहिशों का तिरी हुज़ूरी में वही दस्त-ए-सवाल पैहम है उस की क़ुर्बत की आग है दिल में आसमाँ पर मलाल पैहम है कारोबार-ए-जहाँ में याद उस की जैसे कोई कमाल पैहम है ज़ख़्म भरते नहीं हैं यादों के लज़्ज़त-ए-इंदिमाल पैहम है वो नहीं है तो वक़्त कुछ भी नहीं वही बस एक हाल पैहम है आरज़ू भी नहीं रखी उस की इश्क़ को ये मलाल पैहम है कौन है आश्ना हक़ीक़त का ज़ेहन में इक ख़याल पैहम है अब मुसाफ़िर सफ़र से डरते हैं मंज़िलों को ज़वाल पैहम है मुस्तक़िल कुछ नहीं है दुनिया में आरज़ू-ए-विसाल पैहम है ज़िंदगी में हमारी क्या है फ़क़त करम-ए-ज़ुल-जलाल पैहम है ज़िक्र उस का है इस तरह 'आदिल' जैसे अपनी मिसाल पैहम है