दिल में इस का ख़याल क्यूँ आया मौसम-ए-बर्शगाल क्यूँ आया वो जो हँसता था उस के चेहरे पर आज रंग-ए-मलाल क्यूँ आया नाम से मेरे जिस को नफ़रत थी पूछने मेरा हाल क्यूँ आया नाज़ था किस लिए बहारों पर ये बता दे ज़वाल क्यूँ आया जिस को शिकवा था बद-ख़िसालों से फिर वही ख़ुश-ख़िसाल क्यूँ आया सन रहे हैं कि फिर नवाज़िश है मौसम-ए-क़ील-ओ-क़ाल क्यूँ आया फिर 'वासिय्या' से दोस्ती का ख़याल ये बता दें ख़याल क्यूँ आया