दिल ने एक एक दुख सहा तन्हा अंजुमन अंजुमन रहा तन्हा ढलते सायों में तेरे कूचे से कोई गुज़रा है बार-हा तन्हा तेरी आहट क़दम क़दम और मैं इस मअय्यत में भी रहा तन्हा कहना यादों के बर्फ़-ज़ारों से एक आँसू बहा बहा तन्हा डूबते साहिलों के मोड़ पे दिल इक खंडर सा रहा सहा तन्हा गूँजता रह गया ख़लाओं में वक़्त का एक क़हक़हा तन्हा