दिल से इक दूसरे के प्यारे हैं उन के हम और वो हमारे हैं अपना दामन जो वो पसारे हैं मेरे आँसू भी चाँद तारे हैं बे-ख़ुदी भी है होशियारी भी चश्म-ए-साक़ी के क्या इशारे हैं ग़ैर को देख कर हमें देखा तीर पर तीर तुम ने मारे हैं हुस्न पर्दे में भी नहीं छुपता उन के चिलमन से भी इशारे हैं वो हसीन उन के हम-जलीस हसीन चाँद वो दूसरे सितारे हैं बस यही हासिल-ए-मोहब्बत है तुम ये कह दो कि हम तुम्हारे हैं उन की आँखें हैं ढूँढती 'नश्तर' जिन के आँखों ही में नज़ारे हैं