दिल से है दिल की बे-कली गोया मुद्दआ' ख़ुद है मुद्दई गोया आरज़ूएँ जो मिट गईं दिल की भरी दुनिया उजड़ गई गोया हाए ये तूर-ए-दिल ये तेरी नज़र एक बिजली सी गिर पड़ी गोया बिन तिरे चार सू है वीरानी मौत है ज़िंदगी मिरी गोया अब वो ख़ुद महव-ए-चारासाज़ी हैं वजह-ए-नाज़िश है बेकसी गोया क्या बहार आई सेहन-ए-गुलशन में आग सी दिल में लग गई गोया वो निगाहें बदल गईं जब से सारी दुनिया बदल गई गोया इशरत-ए-ऐश ख़्वाब-गाह-ए-अदम मौत है एक नींद सी गोया आई तिफ़्ली शबाब पर ऐ 'मौज' अब समुंदर हुई नदी गोया