दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया हमारे क़िबले को वहहाबियों ने लूट लिया कहानी एक सुनाई जो हीर-राँझा की तो अहल-ए-दर्द को पंजाबियों ने लूट लिया ये मौज-ए-लाला-ए-ख़ुद-रौ नसीम से बोले कि कोह-ओ-दश्त को सैराबियों ने लूट लिया सबा क़बीला-ए-लैला में उड़ गई ये ख़बर कि नाक़ा नज्द के आराबियों ने लूट लिया किसी तरह से नहीं नींद आती 'इंशा' को इसी ख़याल में बे-ख़्वाबियों ने लूट लिया