दिलों से होती हुई रूह तक उतर आई किसी की याद भी आई तो किस क़दर आई तमाम रात नहाती रही थी बारिश में तभी तो इतनी चमकती हुई सहर आई किसी ने दिल की कहानी सुनाई कुछ ऐसे कि लब ख़मोश हुए और आँख भर आई तलाश करती रही मैं भी चार-सू उस को निगाह वो भी मुझे ढूँढती नज़र आई बहुत दिनों में हुई दिल पे फिर वही दस्तक बहुत दिनों में 'सबा' अपनी कुछ ख़बर आई