दिन भी है रात भी है मेरे साथ तरह में सादगी है मेरे साथ दिल-रुबा दिल-लगी है मेरे साथ इस लिए आगही है मेरे साथ रात भी जागती है मेरे साथ ग़म सरासर ख़ुशी है मेरे साथ आरज़ू नाचती है मेरे साथ शाइरी मंचली है मेरे साथ आश्ना अजनबी है मेरे साथ इक अनोखी हँसी है मेरे साथ वक़्त की ख़ामुशी है मेरे साथ एक बस्ती बसी है मेरे साथ