दीवानों में ज़िक्र-ए-दिल-ए-दीवाना रहेगा जब मैं न रहूँगा मिरा अफ़्साना रहेगा गेसू की भी निगहत से वो बेगाना रहेगा दीवाना तिरी ज़ुल्फ़ का दीवाना रहेगा मजनूँ ने कहा नज्द में मुझ से दम-ए-आख़िर आबाद तिरे दम से ये वीराना रहेगा हाथों में वो मेहंदी भी मलें दिल का लहू भी दोनों का मगर रंग जुदागाना रहेगा का'बे की तरफ़ जाने को हम जाएँगे ज़ाहिद दिल महव-ए-ख़्याल-ए-रह-ए-बुतख़ाना रहेगा आराम मिलेगा न ज़माने में 'जिगर' को दिल में जो न तू ऐ ग़म-ए-जानाना रहेगा