दुनिया घूमे क्या क्या देखा कोई न हम ने तुम सा देखा शब-भर देखे ख़्वाब तिरे दिन-भर तेरा रस्ता देखा तू उस पल था सामने मेरे मैं ने जब आईना देखा नहर किनारे बैठे थे हम मैं ने फिर वो सपना देखा दिल का शीशा साफ़ किया तो इस में तेरा चेहरा देखा इन आँखों के अंदर 'जाज़िब' दुनिया घर का नक़्शा देखा