दूर दिल का मलाल करते हैं सिलसिले सब बहाल करते हैं दिल को फिर पाएमाल करते हैं ख़ुद को यूँ ला-ज़वाल करते हैं हालत-ए-हिज्र देख लेते हैं आरज़ू-ए-विसाल करते हैं रास्ते में बिछे रहें कब तक नैन मेरे सवाल करते हैं और कोई भी कर नहीं सकता आप जितना ख़याल करते हैं लोग ऐसे यहाँ भी बस्ते हैं जो कि जीना मुहाल करते हैं आप क्यों मेरी फ़िक्र में अपने राएगाँ माह-ओ-साल करते हैं एक जादू सा मुझ पे अक्सर ही इश्क़ के ख़द्द-ओ-ख़ाल करते हैं