दुश्मनी मुझ से आ निभा तो सही मेरी हालत पे मुस्कुरा तो सही आग में घिर गया है फिर मोमिन मो'जिज़ा ऐ ख़ुदा दिखा तो सही इक तअल्लुक़ बना रहे तुझ से मत वफ़ा कर मगर सता तो सही जी तो करता है तुझ से बात करूँ तू भी मुझ से नज़र मिला तो सही तेरे मेरे की बात जाने दे उम्र कितनी बची बता तो सही कैसे ख़ुद को सँभाल रखा है नुस्ख़ा 'आसिफ़' मुझे लिखा तो सही