फ़ैज़-ए-अहद-ए-जदीद तन्हाई सह रहा हूँ शदीद तन्हाई बढ़ता जाता है हल्क़ा-ए-अहबाब बढ़ रही है मज़ीद तन्हाई है जहाँ तक भी सोच सन्नाटा है जहाँ तक भी दीद तन्हाई बैठ कर दोस्तों की महफ़िल में कर रहा हूँ कशीद तन्हाई पास हब्लुल-वरीद के है ख़ुदा ज़ेर-ए-हब्लुल-वरीद तन्हाई घर से घबरा के बाहर आया था घर से बाहर मज़ीद तन्हाई टी वी मोबाइल टैब कम्पयूटर दे के पैसे ख़रीद तन्हाई