फ़ज़ा-ए-आलम-ए-क़ुदसी में है नश्व-ओ-नुमा मेरी मुकाफ़ात-ए-अमल से दूर है बीम-ओ-रजा मेरी शरीअ'त है अज़ल से मोहर-ए-पैमान-ए-वफ़ा मेरी तरीक़त ख़ातिम-ए-एहराम-ए-तस्लीम-ओ-रज़ा मेरी हक़ीक़त है सवाद-ए-ख़ातिर-ए-बे-मुद्दआ' मेरी हरीम-ए-मा'रिफ़त-दा' मा-कदर ख़ुद ना-सफ़ा मेरी तिरी ज़ात-ए-मुक़द्दस है मुबर्रा शिर्क-ए-ग़ैरी से कि नूर-ए-ज़ात में साया-सिफ़त हस्ती है ला मेरी जमाल-ए-ला-यज़ाली शश-जिहत से रूनुमा देखा बनी आईना-दार-ए-हुस्न चश्म-ए-हक़-नुमा मेरी किसी का हुस्न तूर-अफ़रोज़ महव-ए-लन-तरानी है दलील नीस्ती है हस्ती-ए-इश्क़-ओ-फ़ना मेरी शुहूद-ए-हक़ है मा-बैन-ए-ग़ुयूब इक जल्वा-ए-क़ुदरत हयात-ए-जाविदाँ है इब्तिदा और इंतिहा मेरी अज़ल से महव-ए-दीदार-ए-जमाल-ए-जल्वा-आरा हूँ नज़र बिल-ग़ैर हो गर हो नज़र में मा-सिवा मेरी हदीस-ए-इश्क़ बाला-तर है हर्फ़-ओ-सौत से 'साहिर' कहाँ मैं और कहाँ तक़दीर-ए-फ़िक्र-ए-ना-रसा मेरी