फ़रियाद नहीं शुक्र-ए-सितम करते रहेंगे हम ख़ुद उन्हें मजबूर-ए-करम करते रहेंगे का'बे को शिकायत है तो हो अपने ख़ुदा से सज्दे तो दर-ए-यार पे हम करते रहेंगे दुनिया को सुनाने के लिए शे'र की सूरत जो हम पे गुज़रती है रक़म करते रहेंगे मय-ख़ाना सलामत रहे हम दूर से 'नश्तर' नज़्ज़ारगी-ए-दैर-ओ-हरम करते रहेंगे