मताअ'-ए-ज़र्फ़ होती तो क़द-आवर हो गए होते तो फिर तुम भी मिरे क़द के बराबर हो गए होते ज़रूरत ही नहीं थी आप को मरहम लगाने की तसल्ली ही अगर देते तो घाव भर गए होते तुम्हें उलझा के रखा है तमन्नाओं के दलदल ने अगरचे नफ़्स से लड़ते क़लंदर हो गए होते अगर ये ज़िंदगी रौशन ज़मीरों में बसर होती सितारों की तरह हम भी मुनव्वर हो गए होते तुम्हें भी शे'र कहने का सलीक़ा आ गया होता हमारे साथ रहते तो सुख़नवर हो गए होते अगर तुम हक़ पे लड़ते तो ख़ुदा इमदाद कर देता तुम्हारे साथ अबाबीलों के लश्कर हो गए होते ज़माना रश्क से फिर देखने लगता 'ज़मन' मुझ को अगर वो मेरी चाहत का मुक़द्दर हो गए होते