फिर चाहे तो न आना ओ आन-बान वाले झूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले मौजूद दिल जिगर हैं दे अब्रूओं को जुम्बिश दोहरा निशाना भी है दोहरी कमान वाले ये चुपके चुपके बातें नज़रें बचा बचा कर रखते हैं आँख हम भी हम भी हैं कान वाले कहना पते पते की और नाम फिर हँसी का छुरियाँ न भोंक दिल में मीठी ज़बान वाले वो 'आरज़ू' सर अपना टकरा रहा है दर से नीचे तो देख झुक कर ऊँचे मकान वाले