फिर वो गुम-गश्ता हवाले मुझे वापस कर दे वो शब ओ रोज़ वो रिश्ते मुझे वापस कर दे आँख से दिल ने कहा रंग-ए-जहाँ शौक़ से देख मेरे देखे हुए सपने मुझे वापस कर दे में तुझे दूँ तिरी पानी की लिखी तहरीरें तू वो ख़ूँ-नाब नविश्ते मुझे वापस कर दे मैं शब ओ रोज़ का हासिल उसे लौटा दूँगा वक़्त अगर मेरे खिलौने मुझे वापस कर दे मुझ से ले ले सदफ़ ओ गौहर ओ मर्जां का हिसाब और वो ग़र्क़ाब सफ़ीने मुझे वापस कर दे नुस्ख़ा-ए-मरहम-ए-इक्सीर बताने वाले तू मिरा ज़ख़्म तो पहले मुझे वापस कर दे हाथ पर ख़ाका-ए-तक़दीर बनाने वाले यूँ तही-दस्त न दर से मुझे वापस कर दे आसमाँ सुब्ह के आसार से पहले पहले मेरी क़िस्मत के सितारे मुझे वापस कर दे मैं तिरी उम्र-ए-गुज़िश्ता की सदा हूँ 'ख़ुर्शीद' अपने नाकाम इरादे मुझे वापस कर दे