फूल है दिल अँगारा कैसे हो सकता है मीठा पानी खारा कैसे हो सकता है किसी को दिल पे इजारा कैसे हो सकता है मन है मिट्टी गारा कैसे हो सकता है तारे निकलें ख़ुश्बू महके रात रहे हर पल इतना प्यारा कैसे हो सकता है ये सारे मंज़र तो उस के साथ आए उस से मेरा किनारा कैसे हो सकता है कैसे कोई तन्हा जी सकता है 'अम्बर' हिज्र किसी को प्यारा कैसे हो सकता है