गर नहीं कुछ भी आप से मिलना आप से फिर नहीं मुझे मिलना वक़्त माँगा न कर तू मिलने का अस्ल मिलना है बिन कहे मिलना यार कुछ इंतिज़ाम ऐसा कर आख़िरी साँस तक रहे मिलना रोज़ मिलने का मैं नहीं कहता ज़िंदगी भर गहे गहे मिलना इस से पहले कि ये भी खो जाएँ क़हक़हे कुछ रहे सहे मिलना