ग़ाएब हर मंज़र मेरा ढूँड परिंदे घर मेरा जंगल में गुम फ़स्ल मिरी नद्दी में गुम पत्थर मेरा दुआ मिरी गुम सर-सर में भँवर में गुम मेहवर मेरा नाफ़ में गुम सब ख़्वाब मिरे रेत में गुम बिस्तर मेरा सब बे-नूर क़यास मिरे गुम सारा दफ़्तर मेरा कभी कभी सब कुछ ग़ाएब नाम कि गुम अक्सर मेरा मैं अपने अंदर की बहार 'बानी' क्या बाहर मेरा