आप अपने को मो'तबर कर लें मिलने वालों के दिल में घर कर लें ज़िंदगानी के दिन जो थोड़े हैं क्यूँ न हंस बोल कर बसर कर लें चुन रहे हैं जो ऐब औरों के अपने दामन पे भी नज़र कर लें कौन देता है साथ मुश्किल में हौसलों ही को हम-सफ़र कर लें चाहिए कुछ सुकून दुनिया में ख़्वाहिशें अपनी मुख़्तसर कर लें बात पहुँचे किसी तरह उन तक हम सितारों को नामा-बर कर लें जंगलों से हमें गुज़रना है पहले साँपों को बे-ज़रर कर लें चलिए जादूगरों की बस्ती में अपने ऐबों को भी हुनर कर लें आओ दुख दर्द बाँट लें 'एजाज़' रंज-ओ-ग़म को इधर-उधर कर लें