घर को जाने का रास्ता नहीं था वर्ना करने को क्या से क्या नहीं था मुझे कहता था छोड़ दे मुझ को और मिरा हाथ छोड़ता नहीं था काम सारे दुरुस्त थे मेरे जब मुझे कोई टोकता नहीं था लोग आँखों से आते जाते थे हर्फ़ जब रास्ता बना नहीं था तब कहीं लोग जानते थे मुझे जब मुझे कोई जानता नहीं था