गुलों की गर इनायत हो गई तो उन्हें हम से मोहब्बत हो गई तो हमें क्यूँ सौंपता है दौलत-ए-हुस्न अमानत में ख़यानत हो गई तो किसी की बेकसी पे हँसने वाले तिरी भी ऐसी हालत हो गई तो मुझे तू मुझ से बढ़ कर चाहता है मिरी ख़ुद से अदावत हो गई तो न लग होंठों से सिगरेट की तरह तू अगर मुझ को तिरी लत हो गई तो तू ख़ुद को बद-दुआ' देता है अक्सर ख़ुदा के घर समाअ'त हो गई तो