हालत-ए-दिल ख़िज़ाँ की सूरत है इश्क़ संग-ए-गिराँ की सूरत है बह रहा है रगों में लावा सा रंग आतिश-फ़िशाँ की सूरत है ऐ नसीम-ए-बहार मेरा भी हाल उजड़े मकाँ की सूरत है मैं हूँ ख़ल्वत के नाम का सहरा और तू गुल्सिताँ की सूरत है फ़ितरतन आज घर बसाने का खेल सूद-ओ-ज़ियाँ की सूरत है तेरे दम से है चाँदनी घुलती चाँद तेरे निशाँ की सूरत है दश्त-ए-ख़ाकी पे एक तू जानाँ चादर-ए-आसमाँ की सूरत है ख़ाक-ए-दिल है 'मुराद' बुत-ख़ाना लेक नाला अज़ाँ की सूरत है