है सज़ा कैसी दवा के नाम पर कासा-लेसी है अता के नाम पर कुल्फ़तों में हो गई लम्बी हयात बद-दुआ' आई दुआ के नाम पर हैं अताओं के सलासिल और हम क़ैद-ए-ज़िंदाँ है दिया के नाम पर ख़ून रोती है हयात-ए-ना-मुराद बिगड़े दिल इक पेशवा के नाम पर फिर रही है मौत को ले कर वबा दर्द बिखरा है हवा के नाम पर रहनुमाओं की अता मत पूछिए मुफ़लिसी में इक रिदा के नाम पर मिट गई है अपनी हस्ती यूँ 'नसीम' हुक्म आए इल्तिजा के नाम पर