हम फ़क़ीरी मिज़ाज रखते हैं अपनी ठोकर में ताज रखते हैं हाथ में कासा और मिरे हाकिम सर पे सोने का ताज रखते हैं सारे दुनिया में क़ातिल-ओ-मक़्तूल अपना अपना मिज़ाज रखते हैं अस्ल में देवता वही हैं कि जो अपने वा'दे की लाज रखते हैं पैदा करते हैं जो मसाइल वो हर मरज़ का इलाज रखते हैं