हम ने अपने आप से जब बात की By Ghazal << हम ने घटता-बढ़ता साया पग-... हैं किस लिए उदास कोई पूछत... >> हम ने अपने आप से जब बात की आ गई रस्ते में इक दीवार सी अपने दरवाज़े पे दस्तक दे कोई एक सन्नाटे पे दुनिया खो गई कौन से नुक़्ते पे ला कर तोड़ते उम्र-ए-रफ़्ता तेरी यादों की कड़ी 'दर्द' अपना हम तआरुफ़ दें तो क्या हम तो अपने आप से हैं अजनबी Share on: